मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया है, तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया। ना मिलती अगर दी हुई दात तेरी, तो क्या थी ज़माने में औकात मेरी। तुम्ही ने तो जीने के काबिल किया है, तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया॥ मुझे है सहारा तेरी बंदगी का, है जिसपर गुज़ारा मेरी ज़िन्दगी का। मिला मुझ को जो... Continue Reading →