स्वामीजी का सन्देश… 8.0

धर्माचरण

(धर्म द्वारा नेकी पर चलना)

सँसार में अनेक धर्मों का पालन किया जाता है । जन्म के अनुसार ही धर्म निर्धारित हो जाता है ।
प्रत्येक इंसान को प्रतिबद्धता से धर्मानुसार बताये गये नेकी के रास्ते का आचरण करना चाहिये ।

कोई व्यक्ति अगर सच्चाई से धर्म से प्रेरित होकर नेकी के रास्ते पर चलता है तो वह अपने लिये सुखद जीवन की नींव बना लेता है ।

सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की शिक्षा भी धर्म द्वारा ज्ञात होती है ।
धर्म ही कर्तव्य प्रधान है, धर्म ही नेकी की राह है ।

7 thoughts on “स्वामीजी का सन्देश… 8.0

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  1. स्वामीजी आप ही धर्म हो ।
    अत्यंत मार्मिक ।जय स्वामीजी ।

  2. So true!!! The person who follows the path of Dharma,Will lead a happy n prosperous life. Swamiji’s teachings are so practical. Jai Gurudev!!!

  3. हमारे पुराणों में धर्म का सही मायने में पालन करने वालोें की उदाहरण में युधिष्ठिर का नाम लिया जाता है। धर्म का पालन करने वालों की जिंदगी परम सुख मय होता है। धर्म ही ईश्वर है। स्वामीजी के बताये गये नेकी के रास्ते पर चलना हम सब का कर्त्तव्य है।
    ओम् स्वामी अजय गुरु देवाय नमः।

  4. Thank you Swamiji 🙏 for guiding us again with your divine light in the form of this message. Following Your teachings with honesty and integrity is our true dharma!! Give us the strength required to follow the same.🙏🙏

    Rajesh & Tanu
    Auckland New Zealand

  5. स्वामी जी आप के मार्गदर्शन से हमें आप,जीवन के हर सत्य से अवगत कराते रहें है। एसे ही आप हम पर अपना आशीर्वाद बनाए रखियेगा।
    ओम स्वामी अजय गुरुदेवायए नम:

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